कक्षा १० के असमावेशी पाठ्यपुस्तक !


मातृभाषा मैथिलीमे प्रकाशित कक्षा १० के पाठ्यपुस्तकमे जातिगत प्रतिनिधित्वके अवस्थाः पुरना आ लबका मैथिली पाठ्यपुस्तकके तुलना कएल जाय त पहिनेस’ बेसी ब्राह्मणवाद हाबी भेल पुष्टी होइत अइछ । पुरना पाठ्यपुस्तकमे पाठ संख्या १६ मध्ये ब्राह्मण लेखकको संख्या ६ गोटा (३७%), कणर्/कायस्थ समुदायका तीन (१९%) आ नाम (बाइलाइन) उल्लेख नइँ भेल संख्या सात (४४%) छल । बाइलाइन नइँ भेनाइँ  पाठ्यपुस्तकमे समावेश सम्पूणर् पाठ्यसामग्रीके अपनत्वके दायित्व लेखक जाति (ब्राहमण)के भेनाइँ छियै ।
तहिना, कक्षा १० कै मैथिली नयाँ पाठ्यपुस्तक (२०८०) मे सेहो पाठ संख्या १६  रहल अइछ । जइमे ब्राह्मण लेखकके संख्या नओ गोटा (५६%), ब्राह्मणेत्तर(केवट/धानुक) दू गोटा (१३%) आ बाइलाइन नइँ भेल पाँच (३१%) रहल अइछ । अइसँ पहिनका पाठ्यपुस्तकमे समावेश कएल गेल कणर्/कायस्थ समुदायके अइबेर लबका  पाठ्यपुस्तकमे समावेश नइँ कएल छै ।
नेपालक तथ्याङ्कमे मैथिली मातृभाषा भेल लिखाबएवाला करिब १२% अन्तर्गत परएवाला (जनसंख्यामा ९७ % रहल) जाति/धर्म/समूदायके किनाराकृत, बहिष्कृत आ  विभेद कएल गेल अइछ । एहेन असमावेशी पाठ्यपुस्तक लोकमैथिली भाषीे अपन अपन  सन्तानके किया पढेतै से प्रश्न ठाढ भेल अइछ । अध्ययनके क्रममे पाठ्यपुस्तकके  विषयवस्तु सबके शैली आ प्रस्तुतिसबमे अक्षम्य त्रुटी पाओल गेल अइछ । जे त्रुटी सब सेहो आमजन समक्ष लाबएके प्रतिवद्धता करै छी ।


अन्त्यमे, मातृभाषा मैथिलीमे शिक्षण सिकाइ होयबाक विषयमे हम अहाँ बहस कइरिये रहल छी । मुदा, लोकतान्त्रिक संघीय गणतन्त्रात्मक शासन प्रणालीके आत्मसात गर्न करए नइँ सकल मातृभाषाके पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तक आ पाठ्यसामग्रीसब बिना परीक्षण, जाँच आ मूल्यांकनेके भावी पुस्ता उपर किया थोइप रहल छी ? मनन आ  चिन्तन करैये परत । एत’ प्रस्तुत् तथ्याङ्कके स्रोत पाठ्यक्रम विकास केन्द्रक अनलाइनमे  राखल मैथिली भाषाक कक्षा १० के पाठ्यपुस्तक छी ।
(लेखक एवम् साहित्यकार दिनेश यादवजीके फेसबुकसँ साभार एवम् मैथिली अनुवाद)

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