शब्द शिल्पी अशोक दत्तके ‘राग-तान’


मैथिली साहित्य एवम् पत्रकारिता क्षेत्रमे अशोक दत्तके नाम वहुचर्चित अइछ । मैथिली गीत-संगीत एवम् साहित्यके चर्चा होइत अइछ त हुनक नाम अग्रपंक्तिमे आबैत अइछ । हुनक लिखल सयकडो गीत सिनेमा, म्युजिक भिडियो, एल्बम, टेलिसिरियल, लघु फिल्म सहित विभिन्न वृतचित्र इत्यादिमे आइब चुकल अइछ ।
हुनक लिखल गीतसब जनजनमे लोकप्रिय रहैत आएल अइछ । खास कइरके लोकसंस्कृति एवम् पहिचानस’ जुडल बहुतरास’ गीत सब प्रसिद्ध अइछ । एकर अतिरिक्त कथा, पटकथा, स्क्रीप्ट लेखन ईत्यादि लेखनमे ओ सिद्धस्त साहित्यकारके रुपमे जानल जाइ छै ।
जनकपुरधाम उपमहानगरपालिका निवासी अशोकके राग-तान नामक मैथिली गीत संग्रह प्रकाशित अइछ । लेखनकलाके शिल्पकारके रुपमा परिचित हुनक गीत संग्रह प्रकाशन जनकपुरधाम उपमहानगर नगरपालिकाद्वारा २०७७ अखारमे भेल अइछ । कुल २२६ पृष्ठके उक्त पुस्तकमे १८३ टा गीत संग्रहित अइछ । जइमे जनकपुरधाम सहित ४ गान, धार्मिक, सांस्कृतिक गीत, चेतनामूलक, अभियान गीत, बाल गीत, विविध रंग गीत समावेश कएल गेल अइछ ।
कुल एक हजार प्रति प्रकाशित ई गीत संग्रह मैथिलीमे एखनधइरके सबस बेसी स्वरचित पुस्तकके रुपमे स्थापित भेल अइछ । हुनक लेखनमे एतेक ताकत देखल गेल अइछ कि अपनाके बड्का गीतकार कहएवाला सब नतमस्तक भ’ जाइ छै । हुनक ई पुस्तक गीत, संगीत एवम् शब्द सिर्जनमे लागल व्यक्तिसबके लेल महत्वपूर्ण भ’ सकैत अइछ । साहित्यकार अशोकके ‘राग-तान’ पुस्तक जनकपुरधाम सहित विभिन्न स्थानक किताब दोकान सबमे उपलब्ध अइछ ।

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