
जनकपुरधाम। सत्ताक उठापटक, कर्मचारी अभाव सहितके समस्याके कारण मधेश प्रदेशमे आर्थिक प्रगति अत्यन्त न्यून देखल गेल अइछ ।
आर्थिक वर्षके अन्त्यदिस एलाक बादो सरकारके कार्यसम्पादनमे ढिलासुस्ती देखल गेल अइछ । जेठ महिनाके दोसर सप्ताहमे प्रवेश भ चुकल अइछ लेकिन विकास निर्माण लगायतका कार्यालयसबके कामकाज सब आगू नइँ बइढ सकल अइछ ।
मधेश प्रदेश सरकारके तथ्याङ्क अनुसार वैशाख मसान्त धइरमे कुल बजेटके १८.२ प्रतिशत रकम मात्र बजेट खर्च भेल अइछ । चालु आर्थिक वर्षमे बिनियोजन कएल गेल ४४ अर्ब ११ करोड ४६ लाख ३२ हजार बजेटमध्ये वैशाख भित्तरमे चालु तथा विकास खर्च समेत कइर ८ अर्ब ४ करोड ७८ लाख ११ हजार ६ सौ ४५ टका २२ पैसा मात्र भेल प्रदेश कोष तथा लेखा नियन्त्रण कार्यालयके तथ्याङ्क अइछ ।
विवरण अनुसार चालुदिस विनियोजित १८ अर्ब ५४ करोड ५८ हजार रकम मध्ये ४ अर्ब ४५ करोड ६२ लाख १७ हजार ९ सय ४६ टका ९३ पैसा रहल अइछ । जे जम्मा विनियोजित २४.०३ प्रतिशत अइछ । पुँजीगतदिस विनियोजित २५ अर्ब ५७ करोड ४५ लाख ७४ हजार टकामध्ये ३ अर्ब ५९ करोड १५ लाख ९३ हजार ३ सौ ५८ टका २९ पैसा खर्च भेल अइछ । ई जम्मा बजेटके १४.०४ प्रतिशत मात्र होइ छै ।
प्रदेश सरकारद्वारा विनियोजित चालु तथा विकास खर्चमध्ये ३६ अर्ब ६ करोड ६८ लाख २ हजार २ सय ५४ रुपैयाँ ७८ पैसा बाँकी रहल अइछ । उच्च पदस्थ कर्मचारीसब अस्थिर सरकारके बहाना बनबैत कतेको नियमित काम सब सेहो प्रभावित भ रहल जनाओल गेल अइछ ।