
जनकपुरधाम । अटल सौभाग्य, पतिके दिर्घायु एवम् सन्तान सुखके कामना करैत आइत तराई-मधेशक मिथिला क्षेत्रमे महिलासबद्वारा बट साबित्री अर्थात बरसाइन मनाओल जा रहल अइछ ।
जेठ अमावश्याक दिन सब साल ई पाबैन श्रद्धा भक्तिके साथ मनाओल जाइत अइछ । सत्ययुगमा सती सावित्री अपन तपस्या आ साधनास’ जेठ अमावश्याके दिन अटल सौभाग्यके वरदान पाओलाके विश्वासक सङ्ग बटसाबित्री अर्थात बरसाइत मनाओल जाइत अइछ ।
जेठ मासक कृष्ण चतुर्दशीक दिन अरबा अरबाइन खा कए व्रत सङ्कल्प कएलाक बाद अमावश्याक दिन निराहार रइहके अपन टोल बस्तीके लगमे रहल बरक गाछीके सामूहिक रूपमे महिलासब सावित्रीके याद करैत व्रह्मा, विष्णु आ महेशसहित कुल देवताके पूजाआजा करैत अइछ । पाबैन करैबाली महिलासब जेठ शुक्ल प्रतिपदाक दिन भोरक सूर्योदयसङ्गे बरसाइत पाबैन औपचारिक रुपमा सम्पन्न करबाक परम्परा रहल अइछ ।
अपन तपोबलस’ साबित्री इष्टदेवके रिझाकए मुर्छित पति सत्यवानके अटल सौभाग्यके वरदान मागल गेल पौराण्णिक कथामे उल्लेख अइछ । वरक गाछमे व्रह्मा, विष्णु आ महेश सहितके तीनू देवताको बास होयबाक जनविश्वास अनुसार बरक गाछके पूजा कएल जाइत अइछ । अइ पाबैनके प्रकृति संरक्षणके रुपमे सेहो विद्वान सबद्वारा विश्लेषण कएल जाइत अइछ ।
तस्विर:जनकपुरधाम स्थित गंगासागरके महाडपर रहल बरगाछीके पूजा करैत पबनैती सब ।