
नित्यानन्द मण्डल
ई छथि हमरा गामक डिई साहेब। हमरा जनैत डिई माने डिभिजनल ईन्जिनियर होइत छैक कहाँदन । मुदा ओ से नहि छथि । तथापि कोनो डिई साबक तुलनामे हिनक योगदानक आँकलन कम नहि कएल जा सकैत अछि । मैलझोल धोती कुर्ता आ गमछा हिनक जीवनक सादगी बनल अछि ।माटिमे लेरहाएब, खाएब आ खेलाए हिनक जबरदस्त तर्जुरबा छनि ।
केहनो चलता पानिमे नदी धारमे बान्ह बन्हबाक अद्भुत सार्मथ्य रखैत छथि । गामक सडक, नदी,पैनिजाल,पोखरि,ईनारक संरक्षण करबामे अपन सम्पूर्ण जीवन कुर्वान कऽ चुकल छथि । कतौ सडक बनएबाक हुअए तऽ हिनका सँ पुछयौनि रातिकेँ त गप्पे छोडु दिनमे नयाँ सडक बना देताह । सडक बनएबाक लेल सुतिभाँज तानएमे माहिर छथि । ईन्जिनियर साहेबसभ त कागजमे नक्सा बनौताह,कागज मिलान करताह मुदा ई माटि माने भुँईए पर नक्सा पारि देताह । स्थिरसँ बतिअएबै त अपनेक चित सेहो भरि देताह ।
जाले हँ हँ करबे ताले अहाँके खेतमे आरामसँ सडक बनि गेल देखबामे आओत,जेना बुझाइत अपनेके करेज काँटिक सडक चलि गेल होई ।लोकक खेत पथारकेँ कातो कात,वीचो वीच जेना भाँज मिलल, सुतिआएल तेना सडक बनाएब हिनक अभिष्ट छनि। सडकके लम्बा चौरा सेहो ओतबे महत्वक सँग । हिनक याहए किरदानीक लेल भोर साँझ किछुगोटेसँ गारि उठौना रहैत छनि । ओना कहबै त हिनको मुँह ने कहलमे रहैत छनि । जहिना लोक निछोधाह गारि पढैत छैक तहिना हिनको जँ मोन तमसाई छनि त बेछुटले किनको कखनो होलिया द ऽसकैत छथि । एहि लेल लोक सेहो निफिकिर रहैत अछि ।
हँ एकटा गप्प छैक जेकरा खेतमाहे सडक बनि गेल आ घरारी बनिते देरि भाउ सेहो आकाश छुबए लागल त बुझु जे पोन्ह पिटैत रहि गेल । मुदा ई बात दुचारि बर्षक बाद लोकके बुझवामे अबैत अछि । एकर पुष्ट उदाहरण आहए अछि जे एखनिधरि हमरा गामक तुलनामे बहुतो कम गाममे एतेक सडक होइत। गल्लीकुच्चीक बाते नहि करु । गामके चौगामासँ लिंकेज, सभ माहे बहरान, एहि चौरी ओहि चौरी ट्रयाक्टर जएबाक अवस्था। केहनो गल्ली बाला सडकमे सेहो गाडी जएबाक व्यवस्था । एहिसभमे हिनक योगदान अतुलनीय अछि । पालिका आ कर्मचारीकेँ भलहिँ अखारी लागल हुअए,मुदा हिनका लेल धनसन। नव नव सडक बनाएब,नदी पैनी उराहब हिनक दिनचर्या बनि गेल छनि । अपन सभटा काजकेँ गोली मारि देने छथि ।
ओना जे कहियो आईधरि कतौसँ किछु मिलल जुलल नहि छनि । माने मानसम्मान,पद आ प्रतिष्ठा । तइयो केकरो घरारी आ खेतमे साल सिमान आ किल्लाखुट्टा गडएबाक हुअए त भोरहियसँ केहन केहन लोक हिनका दुर्रा पर जुमए लगैत छथि आ नाँगरिक पछोर ध लैत छथि । जाधरि काज नहि भेल ताधरि नँगरिओने रहल । खैर जे होइक एहने एहने लोक एखनहुँ गामक कमान सम्हारने छथि । वाहए हमरा सभक डिई साहेब ।
जाइत जाइत हिनक नाम सेहो कहि दि हिनक नाम छनि । लक्ष्मी मण्डल । पत्ता नहि कोना ने कोना लोक जीवनमे हिनका लुखरा सेहे कहैत छनि। एहि बातक हिनका कोनो तकलिफ नहि । सहजे पचा चुकल छथि अपन एहि नामके सेहो । लोक सेहो आदरे वा सम्माने भाव बुझि जे हिनका प्रेमसँ लुखरा बेसी आ लक्ष्मी कम कहि सम्बोधन करैत छथि । वाहए लक्ष्मी भैय्या हमरा सभक समाँग कहियो कोनो पगरी आ पलियाक मुँहताज नहि छथि । एहने एहन व्यक्ति अपनहुँके गाममे भऽ सकैए एकबेर निघारिक तकियौ ने । आब एहने एहने व्यक्तिकेँ खोजी खोजी कऽ सम्मान करबाक बेगारता आवि चुकल अछि ।