
दलान । गीतकार अशोक दत्त कोनो परिचयके मोहताज नइँ छै । जे मातृभाषा मैथिलीमे गीत, गजल, कथा, पटकथा लिखकए देश-विदेशमे पहिचान बनाओने छै । जकरा नशनशमे मात्र मैथिली उफान माइर रहल छै । दिन-राइत, साँझ-भोर बस मैथिली आ मिथिला ।
ओ योद्धा किछु महिनास’ क्यान्सर जँका जानलेवा बिमारीस’ लइड रहल छै । हँ, एखन अइ लडाईमे एसगर छै । ओना जीवनयात्राके क्रममे बेरबेर ओ कतेको कठोर परीक्षा उतीणर् क चुकल छै । ओना अइ बेरक लडाई सरस्वतीपुत्र अशोक दत्तके लेल एतेक सहज नइँ छल । यद्यपी हुनकामे व्याप्त आत्मबल, धैर्यता आ विश्वास चारिम चरणके क्यान्सरके जितएमे सफल भ गेल अइछ ।
पहिल चरणमे सफल अपरेशन, दोसर चरणमे रेडिएशन सङ्ग केमो पूणर् भेल अइछ । चिकिसित्सक सबहक कहब छै जे साहित्यकार अशोक आब खतरामुक्त गेल छइथ । यद्यपी चिकित्सकके निगरानीमा ईलाज निरन्तर चलैत रहत ।
सामान्य परिवारमे जन्मल साहित्यकार एवम् पत्रकार अशोकके मूल सहारा कलमे छल । मुदा बिमार परलाक बाद इलाजमे करिब बीस लाखस’ बेसी खर्चा भ चुकल अइछ । एकटा कलमजिवीके लेल एतेक खरचा जुटेनाइँ मामुली नइँ छल । यद्यपी शुभेच्छु, सहकर्मी सबहक सहयोग आ कर्जा सापटी कइरके एखनधैर इलाजक यात्रा चइल रहल अइछ ।नेपाल आ भारतमे सर्वाधिक चर्चित रहल साहित्यकार गीत, कथा, कविता, गजल, नाटक, धारावाहिक, लघु फिल्म लेखनमे माहिर मानल जाइत अइछ । मैथिली भाषामे ५ सौ गीत तथा कविता, नेपाली भाषामे ३० टा गीत आ भोजपुरी भाषामे सेहो एक दर्जन गीत लिखने छइथ । तहिना ‘ममता’, ‘हमरा लग रहब’, ‘प्रेमक दिबाना’, ‘मिथिला मखान’, सजना सिनेहिया सहित मैथिली सिनेमाके लेल ओ गीत लिखने छइथ । तहिना मैथिली लघुफिल्म ‘संकल्प’, ‘इजोत’, ‘मकडजाल’, ‘हँसैत भोर’, ‘भूख’, ‘भट्ठीबाली’मे सेहो गीत लिखने छइथ । ओना गीतकार अशोकके दर्जनो मैथिली गीतक एल्बमसब बाहर भेल अइछ । जइमध्ये ’‘गीत घरघरके’ क्यासेट नेपाल आ भारतमे बहुत बेस प्रसिद्ध भेल । जकर गीत एखनो जनजनमे चर्चित अइछ ।
तहिना जनकपुरधाम उपमहानगरपालिका कार्यालयका लागि ‘जनकपुरधाम गान’, ‘मिथिला गान’, ‘मधेश गान’ सहित बुहतरास गीत सब लिखने छइथ । ‘संघर्षक पथ पर’ नामक मैथिली कविता आ गजल संग्रह तथा ‘राग तान’ नामक दोसर मैथिली गीत संग्रह सेहो लिखने छइथ ।
साहित्य रचनाके लेल २०७४ सालमे नेपाल सरकार ‘जनसेवा श्री’ पदवी, २०७६ सालमे ‘विद्यापति स्मृति पदक’ गीतकार संघ नेपालद्वारा जेठ १५ गते आयोजित समारोहमे विष्णु मन्सरा घले सम्मान २०८० सँ नगद २५,२५२ सहित हुनका सम्मान कएल गेल अइछ ।
२०४५ सालमे राष्ट्रिय क्रिकेट प्रतियोगितामे बेस्ट बलर तथा स्वणर् पदक सेहा प्राप्त कएने छल । रामानन्द युवा क्लबके नेतृत्वमे रइह महत्वपूणर् काज सब सेहो कएने छल । कंगो, ड्रम, अक्टोप्याड सहितके बाजा सब सेहो बजबैत छल । रेडियो पत्रकारितामे सेहो हुनकर पैघ योगदान रहल अइछ । सामुदायिक रेडियो प्रशारक संघ मधेश प्रदेशके अध्यक्ष सेहो रइह चुकल छइथ । ओना हुनकर जीवनमे बहुतरास विकट मोड सब आबैत रहल । जकर सामना ओ करैत आइब रहल छइथ ।
साँचोमे अशोक दत्त सरस्वती पुत्र छइथ । हुनका जीवनमे लक्ष्मी अर्थात आर्थिक तङ्गी बेरबेर पछारैत रहल । मुदा धर्मपत्नी रेणु हुनका कष्टप्रद यात्रा सहज बनाबएमे सङ्ग दैत आइब रहल छइथ । तहिना एक मात्र पुत्र अक्षर सेहो अपन पिताक गरिमाके कायम राखबाक लेल प्रतिवद्ध छइथ । पिताक जीवनमे आएल बज्रपातके सामना करैत अक्षर उच्च शिक्षा अध्ययनके आगाँ बढा रहल छइथ ।
साहित्यकार एवम् पत्रकार अशोक दत्त जनकपुरधाम मात्र नइँ समुच्चे देशक गौरव छइथ । प्रतिभावान कलमजिवीके रक्षा कएनाइँ हमर अहाँ सबहक दायित्व छै । एहेन श्रष्टाके लेल सोचनाइँ सरकारक जिम्मेवारी सेहो छै । यद्यपी किछ निकाय आ किछ व्यक्तिगत सहयोग भेटल अइछ । एखनो हुनक इलाज चइल रहल छै, ऋण कर्जास’ तोपल अइछ । तैपर पारिवारिक जिम्मेवारी सेहो । तैं सरस्वतीपुत्र अशोक दत्तके अपन अपन ठामस’ पहल एवम् सहयोग आवश्यक अइछ । ओ जल्दी निक भ जाय आ पहिनके जँका साहित्य सिर्जनामे सक्रिय होय से हमरसब दिसस’ कामना ।
(देखू भिडियो)