
प्रियँका झा
ओ गीत ओ गजल नै भुलाउ अहाँ
शब्दक रसके गुलगुलाउ अहाँ
एतै जरुर कोसिस त करियौ
भीतर मोनसँ खिचिक लाउ अहाँ
बह दियौ मोनक भावके गतिमे
लिख बेर एना नै सर्माउ अहाँ
जीवनक बस मृत्यु टा सत्य थिक
तें एकरासँ जुनि घबराउ अहाँ
दुख सुख जिनगीक हिस्सा छै प्रिय
डेग डेग प नोर नै बहाउ अहाँ