
बेलबारी (मोरंग), ३० माघः कोशीटप्पु वन्यजन्तु आरक्षमे एहि साल चिड़ैचुनमुन्नीके संख्या वृद्धि भेल अइछ। आरक्ष आओर ओहि लग-पासक क्षेत्रमे हालमे भेल गणनामे वितल सालक तुलनामे एहि साल चिड़ैके संख्या बढ़ल अइछ।
कोशीटप्पु वन्यजन्तु आरक्ष कार्यालयक अनुसार वितल पुस २६सँ माघ १ गते तक ‘मिडविन्टर वाटर वर्ड सेन्सस २०२५’ अन्तर्गत आरक्ष सहित कोशी नदी क्षेत्रमे भेल गणनामे ७६ प्रजातिक नौँ हजार दू सओ ५० टा चिड़ैचुनमुन्नी भेटल अइछ। वितल साल ५३ प्रजातिक पाँच हजार पाँच सओ २७ टा चिड़ै भेटल छल। गणनाक क्रममे एहि साल सबसँ बेसी चखेवा एक हजार ६८ टा आओर सबसँ कम सेतोकण्ठे गरुड़, पाइनचाहा, चित्राङ्गद आओर फुसरो टिकटिके चिड़ै एकटा–एकटा मात्र भेटेल आरक्षके वरिष्ठ संरक्षण अधिकृत रामदेव चौधरी कहलैन।
सन् १९८७सँ भ रहल गणनामे जलपक्षी प्रजाति, ओकरे संख्या आ बासस्थानमे देखल समस्याके जानकारीक अभिलेख राखल जाइत अइछ, ओ कहलैन। सुरक्षित बासस्थान, पर्याप्त आहार, सिमसारक संरक्षण आओर मानवी चहल-पहल कम कएलासँ सिमसार आओर नदी-नालामे आगन्तुक चिड़ैचुनमुन्नीक संख्या बढ़त, राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण कोष कोशी संरक्षण केन्द्रक प्रमुख वीरेन्द्र गौतम कहलैन।
ओ कहलैथ “आसिनसँ अन्य ठामसँ पर्यटक चिड़ै पुसधैर अबैत रहैछै आ चैत लगले फेर अपन स्थानमे चइल जाइत अइछ। सुनसरी, सप्तरी आओर उदयपुरक संगमस्थलमे स्थित कोशीटप्पु वन्यजन्तु आरक्ष चिड़ैचुनमुन्नीके राजधानी बनल अइछ। करिब ५० प्रजातिक बटुवाचिड़ै कोशीटप्पु, चितवन राष्ट्रीय निकुञ्ज, बिसहजारी, जगदीशपुर, घोड़ाघोड़ी ताल, शुक्लाफाँटा वन्यजन्तु आरक्ष तथा कोशी, गण्डकी, नारायणी नदी क्षेत्रमे रहैत अइछ, केन्द्र प्रमुख गौतम कहलैन। —-