‘लोककवि रत्न’ : जे मात्र तीन किलास पढल छल


दलान । हलधर नागके नाम अपने सब शायद सुनने हायब । जँ नइँ सुनने छी त आइ हमसब हुनकर विषयमे परिचय कराबए चाहब । हलधर नाग भारतके संबलपुरी–कौशली भाषाके कवि एवम् लेखक छैथ । जेकरा ‘लोककवि रत्न’के नाम स’ चिन्हल जाय छै । ओना हुनकर अति सामान्य जीवनशैली आ सरलता देखलाक बाद एतेक नम्हर आदमी छियै से अन्दाजा लगेनाइँ मुश्किल भ सकैत अइछ ।

ओडिशाके बरगढ़ जिलामे हुनकर जन्म १९५० मे एक गरीब परिवार मे भेल छल । बचपनेस’ ओ निरन्तर संघर्ष करैत आइब रहल अइछ । चरम गरिबीके कारण तीसरा  किलासमे पढाइस’ वञ्चित होबए परÞल । तकरबाद ओ स्कूलक आगाँ कापी, कलम, पेन्सिल सहित  खायबाला चीज सब बेचए लागल ।
१९९० मे हलधर नाग पहिल कविता “धोधो बारगाजी“ लिखलक, जे स्थानीय पत्रिकामे प्रकाशित भेल । ओ कविता बहुत लोकप्रिय भेल । हुनका “लोक कविरत्न“के उपाधि सेहो मिलल । हुनकर कविता मौखिक परम्परा के हिस्सा रहल अइछ । हुनक दिमाग एतेक तेज छै जे अपन सभ कविता आ २० टा महाकाव्य कंठस्थ छै । हुनकर कविता सामाजिक मुद्दा, प्रकृति, आ लोक जीवन पर आधारित रहैत अइछ ।
२०१६ मे भारत सरकार ओकरा पद्मश्री पुरस्कार स सम्मानित क चुकल अइछ । भारतके तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जीद्वारा हुनका पद्मश्री अवार्ड देल गेल छल । जे भारत सरकारक अति विशिष्ट सम्मान मानल गेल अइछ ।  एकटा एहो प्रसंग बहुत मार्मिक अइछ, पुरस्कार ग्रहण करए खातिर हुनका लग निमन्त्रण पठाओल गेल । ओ ओइ पत्रके जवाफ पठेलक जे पुरस्कार पार्सल क दिय, हमरा लग भाडा खर्चा नइँ अइछ । बादमे सरकार दिल्लीधैर जेवाक लेल खर्च व्यवस्थापन कएलक । २०२३ मे कादम्बिनी सहित दर्जनो विशिष्ट सम्मान एवम् पुरस्कार प्राप्त कइर चुकल छैथ ।
हुनकर कविताके हिन्दीमे अनुवाद कइरके “हलधर नाग का काव्य–संसार“ नामक पुस्तक प्रकाशित कएल गेल अ अइछ । ओ दू दर्जनस’ बेसी किताब एवम् ग्रन्थ लिख चुकल छइथ । इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालयद्वारा हुनकर कृतिके अपन लोकगीत आ संस्कृति अध्ययनके पाठ्यक्रममे शामिल कएल गेल अइछ । हुनकर लिखल किताब आ हुनका विषयमे इस्कूल कलेजक कोर्षमे पढाओल जाइत अइछ । हलधर नागपर बहुत अनुसन्धानकर्ता पिएचडी कइर चुकल अइछ । इस्कूल कलेजके प्रमाणपत्र मात्र शैक्षिक योग्यताके आधार नइँ छियै से स्वअध्ययन, लगन एवम् लेखनस’ अपन विद्वताके परिचय प्रमाणित क’ कए दुनियाँके देखाबएमे सफल भ’ चुकल छइथ ओ ।

हलधर नागके सादगी आ हुनकर जीवन के संघर्ष ओकरा एक प्रेरणादायक व्यक्तित्वके रुपमे स्थापित क देलक । एखनो ओ साधारण जीवन जीबै छइथ । ओ धोती–गन्जी आ गम्छा लगबैत छइथ । एकल जीवन बितारहल ओ अपने भन्सा कइरके खाइत अइछ । ओना ओ अपन जीवनशैलीमे परिवर्तन नइँ लाबए चाहै छइथ । हुनकर सादगीपूर्ण जीवन एवम् विद्वताके विश्वक विभिन्न भाषाभाषीके लोग सब आदर करै छइथ । तस्विरः विकीपेडिया

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