
महोत्तरी, २६ फागुन: एक दशक पहिने जतेक वैशाखधैर चिनी उत्पादन करएबला उद्योगसभ चलैत छल, ओ आब फागुनेमे उइखके अभाव झेल रहल अइछ।
महोत्तरीक गौशाला–१ रामनगरमे स्थित एभरेस्ट सुगर एण्ड केमिकल इण्डस्ट्रीज (एभरेस्ट चिनी उद्योग)केँ क्रसिङके सबसँ व्यस्त महिना फागुनेमे उइखके अभाव भ गेल अइछ। पछिला दश सालमे उइखके खेतीमे भ रहल गिरावटक कारणेँ एहन स्थिति बनल अइछ। दश साल पहिने महोत्तरी जिलामे उइख खेती १५ हजार बिघासँ बेसी होइत छलै, मुदा पछिला चाइर-पाँच सालमे कम भ क आब मात्रे आठ हजार बिघामे सीमित भेल अइछ। ई सेहो पछिला तीन सालमे उद्योगद्वारा भुक्तानी प्रक्रिया सहज बनेलाक कारणेँ खेती बढ़ल उखु उत्पादक किसान संघ महोत्तरीक अध्यक्ष नरेशसिंह कुशवाहा जानकारी देने छैथ।
ओ बतौलैन जे तीन साल पहिने ई खेती पाँच हजार बिघाधैर झइर गेल छल। “उचित मूल्य नै भेटबाक सङ भुक्तानीक लेल सालोंधैर प्रतीक्षा करए पड़लासँ किसान आजित भ खेती छोइड़ रहल छलै,” कुशवाहा कहलैन। “मुदा पछिला तीन सालमे उद्योगद्वारा भुक्तानी प्रक्रिया सुधारल गेलाक कारणेँ खेती आठ हजार बिघाधैर पहुँचल अइछ, मुदा मूल्य निर्धारण उचित तरिकासँ नै भेलाक कारणेँ किसानके मन खसल अइछ।” वितल अगहन २६ गतेसँ क्रसिङ शुरू भेल छल, मुदा ‘नो क्यान’ (उखुक अभाव)के कारण उद्योगकेँ अपन उत्पादन क्षमता घटा क चलाब पइड़ रहल अइछ। उद्योगके महाप्रबन्धक सुरेन्द्र शुक्ला जानकारी देलैन जे उइखके अभावक कारण २३ दिन उत्पादन क्षमता कम करए पड़ल, आ एहि अवधिमे १३५ घण्टाधैर उत्पादन रुकल रहल।
अहिना तीन दिनमे उइख जम्मे करैत छी आ राइतमे मात्र १० घण्टा चिनी उत्पादन करए पड़ैत अइछ,” शुक्ला कहलैन। किसानसभसँ जल्दीसँ उइख आपूर्ति करबाक अपील कएल गेल मुदा आपूर्तिमे विशेष सुधार देखबाक नै भेटल।
फागुनमे उद्योगकेँ उखुक अभाव होएबाक मुख्य कारण खेतीक गिरावट, किसानद्वारा अपने उइख पेलब आ आन जिलासँ उद्योगसभद्वारा उइख खरिद क ल जाएब अइछ। किसान संघक अध्यक्ष कुशवाहा मुख्य कारण खेतीक कमीकेँ मानैत छैथ। “मूल समस्या खेतीक कमी छै, सरकारद्वारा चिनी आ खेतीक लागत अनुरूप उइखके उचित मूल्य निर्धारण नै कएल जाइ छै,” कुशवाहा कहलैन।
“हमर संघ एहि साल न्यूनतम उइखके मूल्य ७५० टका प्रति क्विन्टल करबाक मांग केने छल, मुदा सरकार मात्र २० टका बढ़ा क टाइर देलक।” वितल साल उद्योगद्वारा प्रति क्विन्टल उइखके मूल्य ५६५ टका देल जाइत छलै, आ सरकारद्वारा ७० टकाके अनुदान देल जाइ छै। किसानसभक मांग अइछ जे उइखके मूल्य निर्धारणमे महँगी आ चिनी बाजारके मूल्यक धीयान राखल जाए। उचित मूल्य निर्धारण नै होएबाक कारण किसान आ उद्योग दुनू समस्यामे पड़ैत छैथ। महोत्तरी जिलाक अधिकांश भाग उइखके खेती लेल उपयुक्त होइतो उचित मूल्य नै भेटलाक कारणेँ किसानसभ खेती विस्तार करएमे असमर्थ छैथ। रासस
प्रतिकात्मक तस्विर: एआइ ।