
काठमाण्डू, २७ फागुन: राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल सङ्घीयता, सुशासन आ विधिक शासनकेँ मजबूती देबाक आवश्यकतापर जोड़ देलैथ।
ओ कहलैथ जे सरकारकेँ जिमेवार आ जनताप्रति उत्तरदायी बनेबाक लेल संसद्क भूमिका प्रभावकारी होएब आवश्यक अइछ। राष्ट्रपति कार्यालयमे आयोजित अन्तर व्यवस्थापिका मञ्चक पोखरा घोषणा-पत्र हस्तान्तरण कार्यक्रममे राष्ट्रपति पौडेल कहलैथ, “सङ्घीयता, सुशासन आ विधिक शासनकेँ सुदृढ़ करबाक दायित्व अहाँसभक कान्हपर अइछ। सरकारकेँ जनताप्रति उत्तरदायी बनएबाक लेल संसद्क भूमिका आओर मजबूत होएब जरुरी अइछ।” ओ संसद्मे जनसरोकारक विषयसभपर पर्याप्त बातचित नै होएबाक आ किछु महत्वपूर्ण निर्माणकार्यमे देरी होएबाक शिकायतसभ सार्वजनिकरूपसँ चर्चा क संसद्क नेतृत्वकर्तासभसँ अपेक्षा व्यक्त केलैन जे संसद्केँ जनताके आवाज मुखरित करबाक स्थलकेँ रूपमे विकसित करबाक प्रयास कएल जाए। ओ कहलैथ, “संसदीय अभ्याससँ सीखैत आगाँक दिनमे संसद्केँ सक्षम, जवाबदेह आ जनउत्तरदायी बनेबाक लेल विशेष तत्परता देखेबाक अपेक्षा अइछ।”
राष्ट्रपतिक निजी सचिवालय अनुसार, ओ संसद्केँ प्रभावकारी कानूनी निर्माण, बजेट निर्माण, नीति निर्धारण आ जनताके आवाज बुलंद करबाक प्रमुख स्थलकेँ रूपमे स्थापित करबाक आवश्यकतापर जोड़ देलैथ। सङ्घीय संसद्केँ समावेशी, दीर्घकालीन आ विकाशमैत्री कानूनी संरचना निर्माण करबाक दिशामे अग्रसर होएबाक सुझाव देलैथ। ओ कहलैथ, “कानूनी निर्माण आ पारदर्शिता लोकतान्त्रिक व्यवस्थाक सुन्दर पक्ष अइछ। तँए संसद्क भूमिकाकेँ आओर मजबूती दैत सङ्घीयता सफलतापूर्वक कार्यान्वयन करबाक लेल अहाँसभक सहयोग अपरिहार्य अइछ।”