
चितवन, २५ बैशाख: चितवन राष्ट्रीय निकुञ्ज घुमबैला पर्यटकके संख्यामे कमी देखल गेल अइछ। बितल आर्थिक वर्षक तुलनामे ई वर्षक चैत महिनाधैर पर्यटकके आगमन घटल अइछ।
बितल आर्थिक वर्षमे अबधिधैर सबसँ बेसी पर्यटक निकुञ्ज घुमल छल। निकुञ्जके सूचना अधिकारी अविनास थापामगरक अनुसार, ई सालके चैत महिनाधैर १ लाख ८२ हजार २२७ गोटे पर्यटक निकुञ्ज घुमल, बितल वर्ष ई संख्या २ लाख ५० हजार ३३७ छल।
चालू आर्थिक वर्षक चैत महिनाधैर नेपाली ९२ हजार ८९०, सार्क देशके १६ हजार ७९८ आ तेसरक देशक ७२ हजार ५३९ पर्यटक निकुञ्ज घुमलक। तथ्यांक अनुसार, आन्तरिक पर्यटकक संख्यामे विशेष गिरावट देखल गेल अइछ।
निकुञ्जक प्रमुख संरक्षण अधिकृत डा. गणेश पन्त कहलैन “निकुञ्ज घुमैबला पर्यटक आ जिपके सफारी संख्यामे गिरावट आएल छै, जाहिसँ पर्यटक सङ-सङे राजस्व सेहो घटल अइछ।” हुनका अनुसार, तइयो निकुञ्जमे भीड़भाड़ नै भेलासँ वन्यजन्तुक लेल लाभदायक अइछ। बितल वर्ष ई अवधिमे २८ करोड़ २६ लाख रूपैयाँ राजस्व संकलन भेल छल, ई वर्ष २३ करोड़ ६४ लाख ९९ हजार टका मात्र संकलन भेल अइछ।
चितवन राष्ट्रीय निकुञ्ज मध्यवर्ती क्षेत्र व्यवस्थापन समितिक अध्यक्ष प्रकाश ढुंगाना कहलैन “कोभिडके बाद लोकके क्रयशक्ति कम भेल आ बितल वर्ष कोभिडके बाद उकुसमुकुस भेल पर्यटकसभ निकुञ्ज घूइम लेलक, ताहि कारण अइ साल संख्या कम भेल हएत ।” ओ कहलैन, “कोनो क्षेत्र रहए, उच्च स्तरपर पहुँचलाक बाद संख्या क्रमशः घटैत अइछ।” ओ ईहो कहलैन जे निकुञ्जक घाँसक मैदान समयपर व्यवस्थापन नहिए भ सकल, ताहि कारण दुर्लभ वन्यजन्तु देखबाक मौका नै भेटल आ ईहो कारण पर्यटक घटबाक भ सकैत अइछ।
क्षेत्रीय होटल सङ्घ सौराहाक उपाध्यक्ष गुणराज थपलिया मुख्य रूपसँ सड़क समस्याके कारण पर्यटक आगमन कम भेल कहलक। ओ कहलक, “सड़क आ आकाशद्वारा आबैमे कठिन भेल छै, एहनमे पर्यटक कोना आएत।” चितवनसँ भैरहवा, काठमाण्डू आ पोखरा दिशाक सड़क स्तरोन्नतिक क्रममे रहलाक कारण यात्रा सहज नै भ सकल, जे पर्यटक नै आएबाक कारण बनल। हवाईजहाजसँ आबैबलला पर्यटक लेल समयपर उड़ान नै भेटलाक सङ-सङे भाड़ा सेहो महँग छै।
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