काठमाण्डू, ९ अगहनः त्रेता युगमे मार्ग शीर्ष शुक्ल पञ्चमीके दिन सीता आ रामके विवाह भेल यादमे आइ देशभैर राम सीताके पूजा पाठसहित विवाह पञ्चमी मनाओल जा रहल अइछ ।
मिथिलाक प्राचीन राजधानी जनकपुरधाममे भगवान् सीता आ रामके विवाह महोत्सव आइ विधिपूर्वक आयोजन कएल गेल अइछ । गोस्वामी तुलसीदासद्वारा रामायणमे वर्णन कएल गेल अनुसार जनकनन्दनी सीताके विवाह भेल दिनकेँ यादमे मिथिलावासी अइ पाबैनके विशेष महोत्सवके रुपमे मनाबैत आएल अइछ ।
त्रेता युगमे मिथिलाक राजा जनकद्वारा अपन पुत्री सीताके स्वयंवरक लेल राखल गेल शिव धनुषकेँ अयोध्याके राजा दशरथके जेष्ठ पुत्र राम तीन टुक्रामे तोड़ने छलैन । शिव धनुषकेँ तोड़लाक बाद मार्गशीर्ष शुक्ल पञ्चमीके दिन राम आ सीताके विवाह सम्पन्न भेल छल ।
रामायणअनुसार जनकपुरधामके रङ्गभूमिमे आयोजन कएल गेल स्वयंवरमे ५६ कोटी देवताके उपस्थिति छलैन से विश्वास कएल जाइत अइछ । सीताकेँ बेटी–बहिनक रुपमे मानैत आएल मिथिलावासी महोत्सवमे देवीदेवताक सहभागिता सशरीर नै भेलाक बादो अदृश्य रुपमे होबाक विश्वाससँ हर्षोल्लासके सङ प्रतिछाया बरियातीके आगमनसँ विवाहधैर सहभागी होइत छैन ।
महोत्सव मनेबाक क्रममे मिथिलाक संस्कृतिअनुसार मटकोर, तिलकोत्सव, स्वयंवर आ विवाह संस्कार सम्पन्न होइत अइछ । पौराणिक मान्यताअनुसार राम मन्दिरसँ ढोलबाजा, झाँकीसहित भगवान् रामक प्रतिमाकेँ विशेष रुपसँ बनल डोला सिंहासनमे राइख रङ्गभूमिमे आनल जाइत अइछ । तहिना, जानकी मन्दिरसँ सीताकेँ विशेष सुसज्जित डोलामे राइख रङ्गभूमि मैदान १२ बिगहामे आनल जाइत अइछ ।
रङ्गभूमिमे स्वयंवरविधि, परीक्षणक वैवाहिक विधि सम्पन्न भेलाक बाद सीता रामकेँ जानकी मन्दिरमे आनल जाइत अइछ । ओइके बाद मिथिला संस्कृतिअनुसार विवाह सम्पन्न होइत अइछ । अइ अवसरमे निकलल भगवानक डोला शोभायात्रामे राज्यके विभिन्न स्थानलगायत सीमावर्ती भारतीय क्षेत्रक श्रद्धालु भक्तजन सेहो सहभागी होइत अइछ ।
रङ्गभूमि मैदानमे वर आ बधुपक्ष बीच होएबला हसि मजाक तथा गामगामसँ आबैबला सीतारामक प्रतीकात्मक झाँकी आ लाखोके सङ्ख्यामे सम्मिलित भक्तजनक उत्साहसँ विवाहक कार्यक्रमके आओर मनोरञ्जन प्रदान करैत अइछ । पहिने तिरहुतिया गाछीमे मनाएल जाएबला ई महोत्सव बितल दू दशकसँ रङ्गभूमिमे विशेष कार्यक्रमसहित मनाओल जाइत अइछ ।
श्रद्धालु भक्तजन भोरेसँ पवित्र सरोवर आ नदीमे स्नान क पूजापाठ करैत अइछ । अइ अवसरमे भजनकीर्तन, रामलीला, झाँकी आ प्रवचनके सेहो आयोजन कएल जाइत अइछ । देवताके मानवीयकरणके भावनासँ सम्बद्ध विवाह महोत्सवमे सहभागी भेलासँ मनोवाञ्छित फल आ मोक्ष प्राप्त होबाक जनविश्वास छै । (रासस)






