जनकपुर, २६ चैतः प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली सुशासन लेल दृढ अठोट ल जनताकेँ पवित्रभावसँ सेवा देबाक आ लोकतान्त्रिक गणतन्त्रकेँ सुदृढ बनेबाक जरहल कहलैन।
आइ मधेश प्रदेशसभामे सम्बोधन करैत प्रधानमन्त्री ओली कहलैन “जनताके पहिल अधिकार गरीबीसँ मुक्ति छी, कारण गरीबीक आगाँ दोसर अधिकारक विशेष अर्थ नै रहैत अइछ।” ओ विकाश आ समृद्धिक यात्रा लेल एकजुट भ क आगाँ बढ़बाक आह्वान कएलैन। “संघीय लोकतान्त्रिक गणतान्त्रिक व्यवस्था एकटा पैघ उपलब्धि छी। एहि उपलब्धिकेँ मात्र राजनीतिक दृष्टिकोणसँ नै, बल्कि जनताके संघर्षसँ प्राप्त उपलब्धिके रूपमे देखबाक चाही। तेँ हमर सभक प्रयास जनसेवामे समर्पित होबाक चाही। परिपूर्ण लोकतन्त्र लेल काज करबाक अइछ,” प्रधानमन्त्री ओली कहलैन।
ओ कहलैन, “जनता परिवर्तनक उपलब्धि अपन पेट आ सन्ततिक हितमे देखए चाहैत अइछ। तेँ जनताकेँ लोकतान्त्रिक अधिकार उपयोग करबाक अवसर देबाक चाही। सम्पूर्ण सामाजिक जीवनमे लोकतन्त्रकेँ फूलएबाक छै, जकरा लेल समाजकेँ विकाश आ सुशासनके गति दिस ल जेबाक जरूरी छै।”
प्रधानमन्त्री ओली मधेश प्रदेशक सामाजिक, सांस्कृतिक एकता, सहिष्णुता आ सद्भावकेँ सुन्दर पक्ष छियै आ ई प्रदेशक अनुशासित, चेतनशील आ विकाशप्रेमी नागरिकसभ नेपालक स्वतन्त्रता, सार्वभौमिकता, भौगोलिक अखण्डता, राष्ट्रिय एकता, स्वाधीनता आ स्वाभिमान कायम रखबाकमे महत्वपूर्ण योगदान देने बताैलैन ।
ओ कहलैन “संविधान मधेश प्रदेशकेँ स्वायत्तता प्रदान कएलक अइछ आ एहि स्वायत्तताके सही उपयोग करब सबक दायित्व छी। संघ, प्रदेश आ स्थानीय तह बीच समन्वय, नीति निर्माण आ विकाश कार्यकेँ प्रभावकारी बनेबा लेल प्रदेश सरकारक विशेष भूमिका रहबाक चाही।”
प्रधानमन्त्री कहलैन “मधेश प्रदेश सम्भावनासँ भरल भूमि छै — जाहिमे उपयुक्त चुरे क्षेत्र, जडीबुटी, जंगल आ अपार जलस्रोत अइछ। तेँ एहि क्षेत्रक विकाश सभक सहयोगसँ होबाक चाही।” ओ कहलैन जे सुनकोशी मरिन डाइभर्सन आयोजना मधेशमे सिँचाइ सुविधा क राष्ट्रिय उत्पादन आ उत्पादकता बढ़त, सङे पहाड़ आ तराई बीच एकताके भावना सेहो प्रबल होएत।
प्रधानमन्त्री ओली हनुमाननगर पानीजहाज, औद्योगिक क्षेत्र, पेट्रोलियम पाइपलाइन, रेलमार्ग, हुलाकी सड़क, दू्रतमार्ग, रामराजाप्रसाद सिंह अस्पतालकेँ मधेशक विकाश आ समृद्धिक आधार रहल बतौलैन। ओ कहलैन जे एकीकृत जाँच चौकी आ प्रमुख भन्सार नाका वीरगञ्जकेँ आर्थिक केन्द्र, आ प्राचीन शहर जनकपुरधामकेँ सांस्कृतिक पर्यटनक आधारकेँ रूपमे विकाश कएल जा सकैत अइछ।
ओ राजर्षि जनक, माता सीता, महर्षि परशुराम, महाकवि विद्यापति जकाँ विभूति आ विद्वान, सङे छिन्नमस्ता, गढीमाई सहित देव–देवीक भूमि मधेश प्रदेशकेँ गौरव स्मरण करैत कहलैन “आब ई प्रदेश विकाशक पथमे अग्रसर होएबाक चाही।” रासस






