हिमाल लम्साल/रासस
वीरगञ्ज (पर्सा), १४ वैशाख : राष्ट्रिय आविष्कार केन्द्रद्वारा वीरगञ्जक कृषि औजार कारखाना सञ्चालन आ व्यवस्थापनक जिमेवारी लएला ३२ महिनामे १६ प्रकारक कृषि औजारक अनुसन्धान आ विकास कएल गेल अइछ।
कृषि औजार कारखाना वीरगञ्जक प्रमुख आ इञ्जिनियर रितेश देव जानकारी देलैन जे कारखानामे एखनधैर १६ प्रकारक कृषि औजारक अनुसन्धान आ विकास कएल गेल अइछ। कहलैन “केन्द्र एखन नेपालक आवश्यकता अनुरूप कृषि औजारक अनुसन्धान आ विकाश क रहल अइछ। एखनधैर छोटका-बड़का क १६ प्रकारक औजारक विकाश भ चुकल अइछ।”
केन्द्रद्वारा पुआर काटबाक, धान काटबाक (रिपर), दाना बनेबाक, धान रोपेबाक छोटका मेसिन (रिपर), घाँस खुर्केबाक, ड्याङ बनेबाक, खाल्डा खनुबाक हाते औजार, आलु रोपेबला, आलु रोपैबला, छोटका ट्रैक्टरमे लागेबाक कल्टिभेटर, हाते प्रेस मेसिन, प्लास्टिक ओछेबाक, केराक फाइबर निकालबाक, गोबर पेलबाक, कोदो रोपेबाक मेसिन, चाँप कटर, हाते औजारमे बञ्चरो, खुँड़ा, छोटका कोदाइर, चाँप आदिक निर्माण भ चुकल अइछ।
ओ कहलैन “कारखानामे एखन अनुसन्धान आ विकाशक चरण चइल रहल अइछ, तेँ बेसी संख्यामे व्यावसायिक उत्पादन नै भ सकल अइछ। तइयो सामान्य किसिमक औजारसभक बिक्री वितरण भ रहल अइछ। कखनो-कखनो शुभचिन्तकसभ आइब क एत उत्पादित औजार किन क ल जाए।”
कारखानाक प्रमुख देव जनौलैन जे केन्द्रद्वारा हाल ५० लाख टका खर्च क सिएनसी मेसिन लाएल गेल अइछ, जाहिसँ औजार उत्पादनमे सहुलियत आ सहजता आएल छै। कहलैन “सिएनसी मेसिन नवका औजार उत्पादनसँ बेसी काजमे सहजता दैत अइछ। इञ्जिनियर आ प्राविधिकके काज करबाक तरिका आसान बनाएल गेल अइछ।”
एखन कृषि औजार कारखानामे ३६ गोटे कार्यरत छैथ। देव कहलैन “कृषि औजार कारखाना राज्यक स्वामित्वमे अइछ, तेँ राज्यद्वारा अनुसन्धान आ विकाशमे धीयान देनाइ जरूरी अइछ। किसानसभक लेल अत्यावश्यकसभ किसिमक औजार एत बनेबाक सुविधा भेटलासँ जनता बहुत लाभान्वित हएत।”
कारखानाक प्रमुख देव बजेट निर्माणक पूर्वसन्ध्यामे कृषि औजार कारखानाक लेल लोहाके कच्चा पदार्थमे भन्सार छुटक व्यवस्था करबाक आग्रह कएलैन। कहलैन “तैयार औजारमे एक प्रतिशत मात्र भन्सार लागैत अइछ, मुदा निर्माण लेल कच्चा लोहाके आदिक आयातमे २० प्रतिशत भन्सार लागत अइछ। एहि कारण स्वदेशी औजारसभकेँ विदेशी औजारसँ प्रतिस्पर्धा करब कठिन भ गेल अइछ, आ उत्पादनोमे समस्या भ रहल अइछ।”
तत्कालीन सोभियत संघक आर्थिक आ प्राविधिक सहयोगसँ वीरगञ्जक कृषि औजार कारखाना २०२४ साल फागुन २८ गते सञ्चालनमे आएल छल। प्रारम्भिक चरणमे कारखाना स्वदेशमे उत्पादन क विदेशमे निर्यात सेहो करैत छल, मुदा व्यवस्थापनक कमजोरीक कारण २०५९ सालधैर आबैत-आबैत कारखाना बन्दिक अवस्था पहुँच गेल छल।
कृषि तथा पशुपन्छी मन्त्री रामनाथ अधिकारी जनौलैन जे कृषि औजार कारखानाक आवश्यकताक अनुसार सहयोग आ सहजीकरण क रहल छैथ। कहलैन “कृषिमन्त्रीक पदभार सम्हाइर क कारखानाक स्थलगत अवलोकन कएलाैँ। कारखानाक व्यवसायिक उत्पादन लेल जे सहयोग चाही से देबाक लेल तैयार छी।”






