काठमाण्डू २७ अखारः प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली विकास आ समृद्धिसङे जनसङ्ख्याके समान विकास नै भेल तँ मानव अस्तित्वमे खतरा होबाक बताैलैन अइछ ।
विश्व जनसङ्ख्या दिवसके अवसरमे स्वास्थ्य तथा जनसङ्ख्या मन्त्रालयद्वारा आयोजित राष्ट्रिय जनसङ्ख्या नीति, २०८२ सार्वजनिक कार्यक्रममे प्रधानमन्त्री ओली विकास आ जनसङ्ख्याके गतिसङे रहबाक चाही कहैत सबकेँ अपन सन्तानवृत्तिकेँ धर्तीक लेल उत्तरदायित्वक रुपमे लेबाक चाही बतौलैन ।
“लोक रहत तँ देशके अर्थ रहत, धर्तीके अर्थ रहत । जनसङ्ख्या नै रहत तँ देश नै रहत । हमरासभ मानव जातिके सुखपूर्ण अस्तित्व रक्षाक लेल उपयुक्त नीति आनए पड़त”, प्रधानमन्त्री ओली कहलैथ, “सृष्टिके सृजनाक लेल मानव जतेक मूल्यवान् दोसर नै छै । अपन स्वार्थक लेल लोककेँ मारएबला कामधन्धा छोड़ैए लेल सम्बद्ध सबकेँ आग्रह करैत छी । विनाशक हतियार बना क लोकके सेहो मारैत रहब तँ संसारके अस्तित्व नै बचँत ।”
पछिला वर्षमे विकसित देशसभमे सेहो जनसङ्ख्याके वृद्धिदर घइट रहल सन्दर्भ उल्लेख करैत प्रधानमन्त्री ओली एहिसँ समग्र विकास निर्माण आ वितरण व्यवस्था प्रभावित हएत, सङे मानव अस्तित्वपर सङ्कट उत्पन्न होबाक धारणा व्यक्त कएलैन । रासस






