जनकपुरधाम । आइ देशभइर पूजाक संगहि घरमे पोसल पशुक पूजाआजा कएल जा रहल अइछ ।
मधेशसहित देशेभइरक किसानसब कृषिप्रधान समाजमे श्रम, पशु आ प्रकृति प्रतिक सम्मान स्वरूप ई पर्व मनबैत आइब रहल अइछ । गोहालीमे गाय, महिँसक गोबरसँ गोबद्र्धनक प्रतिक बनाकए पूजाआजा कएल जाइत अइछ । गोवद्र्धनमे खास कइर घेराक फूल चढेबाक संगे दिप तथा धुप बाइरकए पशुक निरोगिता तथा उन्नति प्रगतिक कामना कएल जाइत अइछ ।
गोवर्धन पूजाक दिन साँझमे खुल्ला स्थानमे पशुके हुर्राहुर्री खेलए ल गेल जाइत अइछ । हुर्राहुर्रीमा सुगरक बच्चाके बान्हल जाइत अइछ । ढोलके आवाजसंगे खासकइर धेनमा महिसके आगाँ सुगरक बच्चा बान्हल हुर्राहुर्रीलाई घिसिएलाक बाद महिस आक्रोशित भ अपन सिंहसँ मारैत अइछ । पशु सम्बन्धी ई खेल मिथिला मधेशमा अत्यन्त रोमाञ्चक मानल गेल अइछ ।






