उपराष्ट्रपति यादव देलक चौरचन आ गणेश चौठीके शुभकामना


जनकपुरधाम, १० भादव । उपराष्ट्रपति रामसहाय प्रसाद यादव चौरचन (चकचना) पर्व आ गणेश चौठी, २०८२ क पावन अवसर पर स्वदेश आ विदेशमे रहैत सम्पूर्ण नेपाली जनताके‌ शुभकामना देलक अइछ।

शुभकामना सन्देश मार्फत उपराष्ट्रपति यादव कहलैन जे तराई–मधेशक विभिन्न जिलासभमे भदौ शुक्ल चौथीक दिन सूर्यास्तक बाद हिन्दू व्रतालुसभ द्वारा मनायल जायबला चौरचन पर्व मधेशक मौलिक सांस्कृतिक पहिचान सँ जुड़ल अइछ । ई पर्वमे धार्मिक विधि अनुसार चन्द्रदेवक पूजा–उपासना करबाक परम्परा रहल अइछ। पुरी, खीर, दही आ मौसम अनुसारक फलफूल आदिक प्रसाद चन्द्रदेवके अर्पण कए परिवारजन सामूहिक रूप सँ ग्रहण करैत छइथ, जे खानपान संस्कृति आ विविधता केँ देखबैत अछि ।

उपराष्ट्रपति यादवक अनुसार ई पर्व मानसिक शान्ति, चन्द्र दोष निवारण आ पारिवारिक समृद्धिक प्रतीक मानल जाइत अइछ । ओ कहलनि जे ई पर्व स्थानीय परम्परा आ सामूहिक आस्था केँ सबल करैत अइछ । ताहि तरहेँ गणेश चौठी (गणेश चतुर्थी) भगवान गणेशक आराधनासँ सम्बन्धित लोकपर्व अइछ । उपराष्ट्रपति यादव कहलनि जे गणेश चौठी केवल धार्मिक अनुष्ठान नहि बल्कि सामाजिक आत्मा, सांस्कृतिक पहिचान आ सामूहिक चेतनाक उत्सव सेहो अइछ ।

“ई पर्वसभ परिवार आ समाजमे आपसी भाइचारा, अपनत्व आ प्रेमभावके प्रबर्द्धन करैत अइछ,” शुभकामना सन्देशमे उपराष्ट्रपति यादव कहलैन, “नेपालक विविध संस्कृतिसभ समाजमे धार्मिक आ आध्यात्मिक चेतना, प्रेरणा आ उल्लास जगाबैत आइब रहल अइछ।”

शुभकामना सन्देशक अन्तमे उपराष्ट्रपति यादव आशा व्यक्त कएलैन्ह जे चाड–पर्वक अवसर सभ समाजमे विद्यमान मनोमालिन्यता दूर कए समभाव, सद्भाव आ सहिष्णुताक भावना जागृत करबाक संगे सम्पूर्ण नेपाली जनताक सुख, शान्ति, समृद्धि आ प्रगतिमे योगदान देत ।

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